बहुत दिनों के बाद आज फिर से कलम उठाई है,
डायरी के कवर से चिपकी हुई धूल कि परत हटाई है,
रंग कुछ पीला पड़ गया है पन्नो का,
नयेपन कि खुशबू भी गायब है,
सोच रही हूँ क्या लिखूँ
कोई कहानी, कविता या फिर सिर्फ चंद लाइनें,
कहने के लिए शब्द तो बहुत हैं
पर कहूँ क्या
ये अभी तक समझ नहीं पायी हूँ,
कोई पुराना धागा फिर से जोड़ा है आज,
कुछ अखब़ार भी हटाये हैं
तसवीरें भी बदली हैं कमरे की,
पर इनमे कहने के लिए क्या ख़ास है?
बताने वाली बातें कुछ और होती हैं शायद,
डायरी मुझे अभी भी देख रही है टुक टुक,
और कलम मेरे हाथ में अभी भी रुकी हुई है
एक बार फिर मैं सब तरफ देखती हूँ,
वही किताबें , अखबार, तसवीरें,
और चाय के कुछ खाली कप,
पर बताने वाली बातें कुछ और होती हैं शायद.
Friday, January 14, 2011
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शानदार प्रस्तुति. आभार सहित शुभागमन...!
ReplyDeleteहिन्दी ब्लाग जगत में आपका स्वागत है, कामना है कि आप इस क्षेत्र में सर्वोच्च बुलन्दियों तक पहुंचें । आप हिन्दी के दूसरे ब्लाग्स भी देखें और अच्छा लगने पर उन्हें फालो भी करें । आप जितने अधिक ब्लाग्स को फालो करेंगे आपके अपने ब्लाग्स पर भी फालोअर्स की संख्या बढती जा सकेगी । प्राथमिक तौर पर मैं आपको मेरे ब्लाग 'नजरिया' की लिंक नीचे दे रहा हूँ आप इसके दि. 18-2-2011 को प्रकाशित आलेख "नये ब्लाग लेखकों के लिये उपयोगी सुझाव" का अवलोकन करें और इसे फालो भी करें । आपको निश्चित रुप से अच्छे परिणाम मिलेंगे । शुभकामनाओं सहित...
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